हर इंसान चाहता है कि वह healthy रहें तंदुरुस्त(fit) रहें और बीमारियों से कोसों दूर रहे पर आजकल के जमाने में भागदौड़ भरी जिंदगी में यह possible नहीं हो पाता।
हर कोई बस यही चाहता है कि वह successful हो जाए और दूसरों से आगे रहे पर आगे रहने की होड़ में हम खुद पर ध्यान देना बिल्कुल भूल ही जाते हैं और इससे हमारी health पर प्रभाव पड़ता है।
कोई नहीं चाहता कि वह बीमार हो और खासकर गंभीर बीमारियों(diseases) से तो सभी दूर रहना चाहते हैं।
आज हम आपको ऐसे ही एक बीमारी pneumonia के बारे में हमारे इस article में बताएंगे ।
तो चलिए शुरू करते हैं।
सबसे पहले निमोनिया (pneumonia) के बारे में जानने के लिए आपको यह पता होना जरूरी है कि निमोनिया क्या होता है। Pneumonia हमारे फेफड़ों के infected होने पर सांस लेने में तकलीफ उत्पन्न होने वाली बीमारी होती है।
pneumonia in hindi
निमोनिया एक स्ट्रैप्टॉकोक्कस निमोनिया ( streptococus pneumonia ) नामक bacteria के हमारे फेफड़ों को infect करने से होता है। Pneumonia में सांस लेने में तकलीफ होने लग जाती है और यह इसीलिए होता है क्योंकि हमारे फेफड़े infect हो चुके होते हैं।
Pneumonia की बीमारी ज्यादातर बच्चों में देखी जाती है।
निमोनिया की बीमारी इन दिनों बहुत ही आम हो गई है पर आम होने का यह मतलब नहीं है कि यह बीमारी dangerous नहीं है । आए दिन कई सारे लोगों की निमोनिया के कारण death हो जाती हैं।
निमोनिया का bacteria हमारे body की रोग प्रतिरोधक क्षमता ( immunity) को कम कर देता है और हमारे फेफड़ों को बिल्कुल गला देता है जिसके कारण धीरे-धीरे उस इंसान की मौत होने लग जाती है।
Pneumonia के शुरुआती लक्षण साधारण खांसी जुखाम जैसे ही होते हैं इसी वजह से हम जल्दी से इसे पहचान नहीं पाते और time पर treatment न होने के कारण यह बढ़ जाता है और ज्यादा तकलीफदेह हो जाता है।
nimoniya ke lakshan
निमोनिया के लक्षण: Pneumonia के लक्षण (symptoms) कुछ अलग नहीं होते यह साधारण खांसी जुखाम जैसे ही होते हैं।
निमोनिया की बीमारी स्ट्रैप्टॉकोक्कस निमोनियाई (streptococus pneumoniae) नामक bacteria के हमारे फेफड़ों को infect करने की वजह से होती है जिसके कारण हमारी wind pipe infect हो जाती है और हमें सांस लेने में तकलीफ होने लगती है।
symptoms of pneumonia in hindi:-
निमोनिया( pneumonia) की बीमारी से बचने के लिए सबसे पहले आपके लिए यह जानना जरूरी है कि इसके क्या symptoms होते हैं।
अगर हमें किसी भी बीमारी के लक्षण पता हो तो उसका treatment time पर हो पाना possible होता है।
तो चलिए शुरू करते हैं।
यह है कुछ लक्षण pneumonia के:-
1. निमोनिया का सबसे main लक्षण है छाती में दर्द उठना।
अगर किसी व्यक्ति को pneumonia होता है तो उसे सांस के साथ छाती में दर्द भी होता है।
2. निमोनिया का दूसरा लक्षण है सांस लेने में तकलीफ होना।
निमोनिया के patient को सांस लेने में problem होती है वह या तो बहुत ही धीमी गति से सांस लेता है या बहुत ही तेज।
3. ठंड लगना।
ठंड लगना भी pnemonia का एक लक्षण होता है। अगर आपको भी मौसमी ठंड लगने लगे खांसी जुखाम के साथ में तो यह है निमोनिया हो सकता है।
4. निमोनिया में भूख भी बहुत कम लगती है।
5. निमोनिया में इंसान का शरीर सूख जाता है और उसके शरीर को जो nutrition मिलना चाहिए वह पोषण( nutrition) नहीं मिलता।
6. निमोनिया में खांसी( cough) और जुखाम बहुत ही आम होता है जिसके कारण फेफड़ों में कफ बनने लग जाता है।
nimoniya kya hota hai?
Pnemonia सांस से संबंधित disease होती है जिसमें फेफड़ों में कफ्फ बन जाने से सांस लेने मे problem होती है। यह बीमारी स्ट्रैप्टॉकोक्कस निमोनियाई नामक bacteria से होती है।
अगर निमोनिया का सही time पर treatment न कराया जाए तो धीरे-धीरे इससे किसी की मौत भी हो सकती है।
pneumonia treatment in hindi:-
यह तो हम सभी जानते हैं कि आजकल हर बीमारी का इलाज (treatment) होता है। ऐसी शायद ही कोई बीमारी होगी जिसका हमारे doctor और scientists के पास कोई treatment नहीं हो।
pnemonia का भी इलाज है। निमोनिया के treatment के लिए आप किसी भी doctor से consult कर सकते हैं। और pnemonia की medicine आपको किसी भी pharmacy या medical store पर मिल सकती है।
निमोनिया के treatment के लिए antibiotics और penicillin का use किया जाता है।
nimoniya fever symptoms:-
निमोनिया में fever भी एक main लक्षण होता है।
पर pnemonia का fever normal fever (बुखार )से कुछ अलग होता है। निमोनिया के बुखार के symptoms से आप पता लगा सकते हैं कि यह साधारण बुखार है या निमोनिया का fever
निमोनिया के बुखार के लक्षण:-
निमोनिया का बुखार ठंड (cold) लगकर चढ़ता है और खांसी आने के साथ गले में कफ जमा हो जाता है।
निमोनिया के बुखार में सांस लेने की गति भी धीमी हो जाती है।
nimoniya ka ilaj:-
निमोनिया का इलाज ayurvedic दवाइयों तथा अंग्रेजी दवाइयों से किया जा सकता है।
कई लोगों को अंग्रेजी दवाइयों के सेवन से problem होती है और उसके side effects होते हैं तो वह लोग ayurvedicदवाइयों का use करते हैं। दवाइयों के साथ pnemonia का आसानी se treatment किया जा सकता है।
निमोनिया के मरीज को ठंड लगने से बुखार होने पर और धूल में सांस की problem होने लगती है।
निमोनिया का इलाज:-
1. सबसे पहले pnemonia का पता लगाने के लिए patient का blood test किया जाता है। जिससे यह पता लगाया जा सके की infection कहां है।
2. निमोनिया के treatment के लिए x-ray किया जाता है।
3. इन दोनों तरीकों के अलावा आपके फेफड़ों से sputum नामक fluid निकालकर उसका test किया जाता है।
फेफड़े का रोग के लक्षण:-
फेफड़ों के रोग कई तरह के होते हैं। फेफड़ों के bimari से सांस संबंधित problems होने लगती है।
फेफड़ों के रोग बढ़ते हुए air pollution और smoking के कारण होते हैं।
जो लोग ज्यादा बीड़ी ciggerette पीते हैं ज्यादा धूम्रपान (smoking) करते हैं उन्हें धीरे-धीरे फेफड़ों के रोग होने लगते हैं।
फेफड़ों के रोग के कुछ अहम लक्षण है:-
1. फेफड़ों के रोग का पहला symptom है सांस लेने में problem होना।
हमारे body का एक अहम अंग है जो हमें सांस लेने में मदद करते हैं और फेफड़ों के किसी भी रोग से infect होने पर सांस लेने में problem होने लगती है।
2. फेफड़ों के रोग होने पर खांसी (cough)की शिकायत होने लगती है।
अगर किसी भी इंसान को फेफड़ो का रोग है तो उसे लगातार (cough) खांसी बनी रहेगी।
3. फेफड़े हमें सांस लेने में help करते हैं। फेफड़ों का काम होता है हम जो oxygen gas लेते हैं उसको हमारे body के बाकी parts तक पहुंचाना । फेफड़ों के रोग होने से फेफड़ों के infect होने की वजह से फेफड़ों की क्षमता (capitance) खत्म हो जाती है।
निमोनिया के लक्षण व उपचार:-
निमोनिया के symptomsबहुत ही आम होते हैं। pnemonia के शुरुआती लक्षण मामूली बुखार खांसी जुखाम ही होते हैं।
सही time पर यह लक्षण देखकर निमोनिया का treatmentकिया जा सकता है।
निमोनिया का एक सबसे अहम लक्षण होता है सास लेने में दिक्कत होना। जिस bacteria के हमारे फेफड़ों को infect करने से pnemonia होता है हमारे फेफड़ों को खराब करने लगते हैं जिसका अगर treatment ना किया जाए तो निमोनिया के patient को हमेशा के लिए सांस ki problem हो जाती है।
निमोनिया के लिए उपचार:-
हर चीज को लेकर हर बीमारी को लेकर घरेलू उपचार (home remedies) होते हैं। निमोनिया के लिए भी कई सारे घरेलू उपचार हैं जिनसे आप घर पर ही pnemonia का ilaaj कर सकते हैं।
तो चलिए आपको बताते हैं pnemonia के लिए घरेलू उपचार:-
1. नमक के पानी के गरारे करना।
निमोनिया के treatment के लिए आप घर पर नमक के पानी से गरारे कर सकते हैं जिससे खांसी(cough) में राहत मिलती है।
2. पुदीना चाय के सेवन से भी pnemonia का treatment किया जा सकता है।
3. हल्दी वाली चाय का सेवन भी निमोनिया में अच्छा होता है।
यह तो हम सभी जानते हैं कि हल्दी एक antibiotic जैसा काम करती है। हल्दी के सेवन से किसी भी bacteria को खत्म किया जा सकता है । हल्दी सेहत के लिए भी बहुत अच्छी होती है।
यह हल्दी वाली चाय आप शहद के साथ ले।
4. अदरक की चाय का सेवन।
अदरक में एनाल्जेसिक गुण होते हैं जो bacteria से लड़ने में help करते हैं और हमारे शरीर की immunity को बढ़ाते हैं। अदरक के सेवन से खांसी से होने वाले छाती में दर्द से भी राहत मिलती है।
5. निमोनिया में regularly गर्म पानी का सेवन करें और सुबह शाम vegetable soup पिए।
गर्म पानी पीने से छाती में जमा कफ ठीक होता है।
निमोनिया के उपचार:-
Pnemonia के treatmentके लिए सबसे जरूरी है की दर्द और ठंड से जितना हो सके दूर रहा जाए क्योंकि जुखाम और खांसी के ज्यादा बढ़ने से pnemonia में problems बढ़ती है।
निमोनिया का उपचार antibiotics और penicillin से किया जा सकता है।
निमोनिया के लिए जो भी medicines बनती हैं उनमें antibiotics और पेनिसिलिन (penicillin) का इस्तेमाल किया जाता है जो निमोनिया के bacteria को खत्म करने में help करता है।
निमोनिया का रामबाण:-
Pnemonia की बीमारी के लिए रामबाण इलाज है आयुर्वेदिक जड़ी बूटी सेहुंड ।
सेहुंड की पत्तियों से निमोनिया का treatment किया जा सकता है।
सेहुंड की पत्तियों को तवे पर sek कर उन्हें पीसकर उनका रस निकाल कर उसे गुनगुने पानी के साथ आधा या एक चम्मच लें। ऐसा लगातार करने से pnemonia बिल्कुल ठीक हो जाएगा।
निमोनिया का आयुर्वेदिक उपचार:-
हर चीज हर बीमारी को लेकर (ayurvedic) आयुर्वेदिक दवाइयां और आयुर्वेदिक उपचार उपलब्ध है।
निमोनिया को लेकर भी ayurvedic उपचार किए जा सकते हैं।
1. सबसे पहली जड़ी बूटी है जिससे pnemonia का उपचार किया जा सकता है वह है अंबालाकी।
2. दूसरी जड़ी बूटी है कोटाजा।
3. भृंगराज का भी इस्तेमाल निमोनिया के उपचार के लिए किया जाता है।
4. गुडुची के सेवन से भी pnemonia का उपचार किया जा सकता है।
5. इन सभी के अलावा सुदर्शन चूर्ण संजीवनी वटी से भी निमोनिया का treatment किया जाता है । यह भी ayurvedic जड़ी बूटियां है जो निमोनिया के उपचार में helpful होती हैं।
सांस लेने में दिक्कत के उपाय saans ki bimari ka ilaj:-
सांस लेने में problem और सांस की बीमारियों का treatment breathing exercises से किया जा सकता है।
यह है कुछ breathing exercises जो आप सांस लेने में problem होने पर कर सकते हैं।
1. अनुलोम विलोम-
इस आसन को करना बहुत ही easy होता है।
इसमें बस आपको अंगूठे से अपने नाक का एक छिद्र अंगूठे से बंद करना है और दूसरे सांस अंदर लेनी है फिर जिस छिद्र से सांस अंदर ली उसे तर्जनी उंगली से बंद करके दूसरे छिद्र से सांस बाहर निकाले। पांच छह बार यही repeat करें।
2. सर्वांगासन-
यह आसन पीठ के बल लेटकर किया जाता है। इससे भी सांस की बीमारियों को ठीक किया जा सकता है।
3. पर्वतासन-
इस आसन को करने के लिए अपने body को बिल्कुल सीधा कर कर खड़े हो जाएं फिर धीरे-धीरे नीचे झुक कर अपनी दोनों हथेलियों (palms) को जमीन पर लगाएं। यह आसन भी सांस की problems को ठीक करने में helpful है।
4. चक्रासन-
इस आसन में आपको अपने body को बिल्कुल एक चक्र की तरह बनाना होता है। यह आसन भी सांस की problem को दूर करता है।
5. भुजंगासन-
यह आसन लेट कर किया जाता है।इस आसन में आपको अपनी भुजाओं को अपने माथे (forehead) के नीचे रखना होता है और अपने पैरों को सीधा रखना होता है।
यह भी सांस की problem या सांस की बीमारी को दूर करने में helpful होता है।
सीने में कफ के लक्षण , छाती में कफ के लक्षण:-
सीने में छाती (chest) में कफ जमा होने पर छाती में दर्द उठने लगता है साथ ही छाती में भारीपन महसूस होता है।
छाती में कफ जमा होने का symptom होता है खांसी के साथ साथ मुंह में अजीब तरह का पीला और सफेद पदार्थ आना यह कफ होता है। जो कि फेफड़ों में जमा रहता है।
फेफड़ों के रोगों से बचाव:-
फेफड़ों के रोगों से आसानी से बचाव किया जा सकता है। बस इसके लिए time पर ध्यान देना जरूरी है।
1.फेफड़ों के रोग से बचने के लिए धूम्रपान (smoking) बिल्कुल ना करें।
2. ज्यादा time तक खांसी बनी रहने पर doctor से consult करें और खांसी के treatment के लिए दवाई ले।
3. ज्यादा प्रदूषित (polluted) हवा के सेवन से भी फेफड़ों के रोग होने लगते हैं। तो कोशिश करें कि आपके आसपास में वायु प्रदूषण (air pollution) की दिक्कत ना हो।
pneumonia symptoms in hindi:-
Pnemonia के लक्षण बहुत ही आम से होते हैं।
निमोनिया में सबसे पहले chest में भारीपन महसूस होने लगता है और सांस लेने में तकलीफ होने लगती है।
निमोनिया में zukham की वजह से फेफड़ों में कफ जम जाता है जिसके कारण खांसी (cough) आने लगती हैं।
Pnemonia का treatment दवाइयों से तो होता ही है पर आप इसका इलाज (treatment)घरेलू उपचारों से भी कर सकते हैं।
nymphomania meaning in hindi:-
निंफोमानिया का हिंदी में मतलब होता है स्त्री कामोन्माद या नारी कामोन्माद।
इस बीमारी में स्त्रियों का संभोग के प्रति एक अलग ही अभाव और attraction होने लगता है।
यह एक sexual बीमारी है।
निमोनिया का घरेलू उपचार:-
Pnemonia का घरेलू उपचार बहुत ही आसान है।
जैसे कि हमने आपको ऊपर कुछ tips बताएं निमोनिया का घरेलू उपचार या घर पर उपचार करने के लिए।
इन सब में सबसे अहम और सबसे ज्यादा असरदार उपचार होता है गर्म पानी का सेवन। गरम पानी के सेवन के साथ अदरक (ginger) हल्दी शहद इन चीजों का सेवन भी कर सकते हैं।
गर्म पानी के regular सेवन से फेफड़ों में जमा कफ हटने लगता है।
यह थी कुछ information निमोनिया के बारे में और pnemonia के उपचार के बारे में।
आशा करते हैं आज का article आपके लिए useful होगा।