गर्भ में लड़के की हलचल। अल्ट्रासाउंड में लड़के की क्या पहचान है? गर्भ में लड़का किस साइड रहता है ?

गर्भ में लड़के की हलचल। अल्ट्रासाउंड में लड़के की क्या पहचान है? गर्भ में लड़का किस साइड रहता है ?

आज के इस article में हम बात करेंगे गर्भ में अगर ladka होता है, तो उसकी पहचान कैसे होती है। garbh में लड़की की हलचल कैसे पता चलती है। गर्भ में ladka होने की निशानियां क्या क्या होती है। 7 month pregnancy baby boy symptoms in hindi . अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट ऑफ़ प्रेगनेंसी जेंडर इन हिंदी। पहली तिमाही,दूसरी तिमाही में एक लड़का होने के लक्षण। गर्भ में लड़का किस साइड रहता है ? गर्भ में beti होने के लक्षण।

आज का हमारा article उन महिलाओं के लिए है जो बहुत ही ज्यादा व्याकुल है लड़के के लिए और जो ladka चाहती हैं। क्योंकि इस article में हम आपको complete जानकारी देंगे कि garbh में अगर ladka पल रहा होता है तो उसकी क्या क्या पहचान होती है।

तो चलिए शुरू करते हैं सबसे पहले आपको बताते हैं गर्भ में ladke की हलचल के बारे में।

अगर किसी भी महिला के garbh में लड़का पल रहा होता है तो उसकी hulchul से यह पता लगाया जा सकता है कि वह ladka है। ऐसी मान्यता है कि लड़के के मुकाबले ladki गर्भ में ज्यादा जल्दी हलचल करती है।

एक ladki गर्भ में 4 mahine से हलचल शुरू कर देती है। 4 महीने में garbh में घूमने लग जाती है। वहीं अगर garbh में लड़का होता है तो वह 5 महीने से घूमना hulchul करना शुरू करता है।

अल्ट्रासाउंड में लड़के की क्या पहचान है? garbh me ladka hone ki nishani –

अब आपको बताते हैं ultrasound में लड़के की क्या पहचान है? Garbh में लड़का होने की क्या निशानी होती है? अल्ट्रासाउंड में ladke की पहचान क्या होती है? अल्ट्रासाउंड से लड़की की पहचान कैसे की जाती है? Garbh लड़का होने की nishani होती है वह ultrasound में कैसे पता चलती है?

ऐसी मान्यता है कि एक pregnant महिला के pet के आकार को देख पर पता लगाया जा सकता है कि garbh में लड़का है या लड़की है। अगर किसी भी pregnant महिला के pet का निचला हिस्सा उभरा हुआ होता है या फुला हुआ होता है, तो उसके गर्भ में ladka होता है।

अगर किसी भी mahila के गर्भ में लड़की होती है तो उसका सौंदर्य बढ़ता है और हथेलियां मुलायम यानी soft होने लग जाती है। वहीं अगर किसी भी महिला के garbh में ladka होता है। तो उसके हाथ-पैर ठंडे रहने लगते हैं और उसके बाल झड़ने(hair fall) लगते हैं।

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यह कहा जाता है कि जिन औरतों को pregnancy के time पर mood swings बहुत ज्यादा होते हैं, खाने पीने का मन नहीं करता उन महिलाओं के garbh में ladke होते हैं। वैसे लड़के garbh में हलचल लड़कियों के मुकाबले थोड़ी देरी से शुरू करते हैं।

अगर pregnant औरत यह पता लगाना चाहती है तो इस tarike से आसानी से घर पर ही पता लगा सकती है। यह है garbh में लड़का या लड़की की पहचान करने का सबसे बेस्ट tarika.

गर्भ में ladka है या ladki इसकी पहचान करने का एक तरीका है कि pregnant महिला सुबह-सुबह उठकर अपने urine को लेकर उसमें baking soda मिलाएं। अगर baking soda मिलाने के बाद urine में झाग उठते हैं तो इसका मतलब है कि garbh में ladka पल रहा है।

इसके अलावा urine के रंग को देखकर भी इस चीज का पता लगाया जा सकता है कि garbh में ladka पल रहा है या ladki पल रही है।

गर्भ में लड़का किस साइड रहता है ? garbh me ladka kis side hota hai .

अब आपको बताते हैं garbh में लड़का किस side रहता है? गर्भ में लड़का किस side होता है? किसी भी महिला के garbh में लड़का किस तरफ होता है? अगर कोई महिला pregnant है तो कि गर्भ में लड़का किस side होगा? गर्भ में ladka जो है वह किस side रहता है?

अगर garbh में पल रहे bacche के बारे में यह पता करना है कि वह किस side है, तो यह depend करता है garbh में पल रहे बच्चे के gender पर। अगर गर्भ में पल रहा बच्चा ladka होता है तो पेट में दूसरी तरफ होगा और अगर में ladki है तो वह दूसरी तरफ होगी।

तो चलिए अब आपको बताते हैं garbh में लड़का किस तरफ (side) होता है और ladki किस तरह होती है।

अगर garbh में पल रहा बच्चा ladka होता है तो वह पेट की right side में होता है। और वही अगर गर्भ में ladki होती है तो वह pet के left side में होती हैं।

लड़का जो होता है वह garbh में right side यानी सीधे हाथ की तरफ होता है और लड़का 5 mhine के बाद garbh में हलचल शुरू करता है। वही ladki गर्भ में 4 महीने से ही हलचल शुरू कर देती है।

Pregnancy के time अगर आपको अपने सीधे पाँव, या सीधे हाथ की तरफ pet में अधिक भार या खिंचाव महसूस होने लगे तो ऐसा अंदाजा लगाया जा सकता है कि garbh में पल रहा शिशु ladka है।

इसके अलावा अगर किसी भी महिला को प्रेगनेंसी के टाइम पर अपने right side के pet के हिस्से में ज्यादा movement महसूस होती है। तो इस चीज से भी यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि garbh में पल रहा शिशु ladka है।

पहली तिमाही में एक लड़का होने के लक्षण

अब आपको बताते हैं पहली तिमाही में ladke होने के lakshan क्या होते हैं? पहली तिमाही यानी first trimester में किन लक्षणों से यह पता लगाया जा सकता है कि garbh में लड़का है? Garbh में पल रहे लड़के के पहले तिमाही में क्या lakshan होते हैं?

पहली तिमाही में pregnancy के लक्षण हर महिला में एक समान ही होते हैं। कुछ rare ही ऐसी महिलाएं होती है जिनमें यह lakshan अलग होते हैं।

तो चलीए आपको बताती हैं पहली तिमाही में एक ladke होने के basic लक्षण।

1- morning sicknesses – प्रेगनेंसी के first trimester यानी की पहली तिमाही में morning sickness बहुत ही आम problem होती है। परंतु ऐसा माना जाता है कि जब garbh में पल रहा बच्चा ladka होता है तो morning sickness की problem ज्यादा होती है।

2- ठंडे पैर hona – garbh में पल रहा बच्चा ladka होता है तो पहली तिमाही में हाथ पैर ठंडे रहने लग जाते हैं। या साफ शब्दों में कहा जाए तो thande रहने लग जाते हैं।

3- पेशाब का रंग – urine के रंग से भी है पता लगाया जा सकता है कि garbh में पल रहा बच्चा ladka है। अगर पहली तिमाही में यानी first trimester मे पेशाब का रंग गहरा peela होता है तो उसका मतलब garbh में लड़का होता है।

4- mood swings – पहली तिमाही में अगर mood swings ज्यादा होते हैं, तो यह चीज भी गर्भ में ladka होने का संकेत देती है।

5- food cravings – ऐसा कहा जाता है कि पहली तिमाही में अगर food craving यानी की खाने पीने की इच्छा ज्यादा होती है तो garbh में ladka होता है।

गर्भ मे लडका या लडकी। pregnancy baby boy or girl symptoms in hindi
garbh me putra ya putri in hindi

अब आपको बताते हैं garbh में लड़का है या लड़की इसके क्या संकेत होते हैं? Pregnancy में boy और girl के क्या symptoms होते हैं? गर्भ में पुत्र या पुत्री इसके symptoms क्या-क्या होते हैं? Garbh में पल रहे शिशु के ladke या लड़की होने के संकेत यानी कि symptoms क्या क्या होते हैं?

वैसे तो garbh में पल रहे शिशु के लिंग को जानने के कई सारे tarike होते हैं। परंतु अगर medically इस चीज की जांच करवाई जाए तो यह चीज गैरकानूनी यानी कि illegal होती है।

लेकिन किसी भी गर्भवती महिला यानी pregnant औरत के मन में यह सवाल तो पूरी pregnancy के time ही होता है कि garbh में पल रहा शिशु लड़का है या ladki है। आज हम आपको बताएंगे कि आप किस आसान tarike से यह पता लगा सकते हैं कि आपके garbh में क्या है।

गर्भ में पल रहे शिशु के ling का पता लगाने का सबसे आसान तरीका सबसे best tarika होता है pet का आकार। अगर गर्भवती स्त्री के pet का निचला हिस्सा fula हुआ और उभरा हुआ हो तो ये गर्भ में लड़के के होने का sign देता है। वहीं अगर किसी महिला के hath सुंदर दिखने लगे और हथेली soft हो जाए तो ये ladki होने का संकेत होता है।

how to know baby gender in hindi . pregnancy me ladka hai ya ladki pta karna

अब आपको बताते हैं garbh में पल रहे shishu के लिंग का पता कैसे लगा सकते हैं? Pregnancy में लड़का है या ladki इसका पता कैसे लगा सकते हैं? Baby के gender का पता कैसे लगा सकते हैं? किन लक्षणों से यह पता लगा सकते हैं की pregnancy में लड़का है या लड़की है?

गर्भ में पल रहे baby के gender यानी लिंग का पता लगाने की यह सभी lakshan है। इन लक्षणों से आसानी से यह पता लगाया जा सकता है की garbh में पल रहे bacche का लिंग क्या है।

गर्भ में beti होने के लक्षण

1- बच्चे की heart beat एक minute में 140 beat से कम है।

2- गर्भ में baccha नीचे की ओर लटका हुआ नजर आता है।

3- pregnancy में आपका चेहरा खिल उठा है।

4- पहली तिमाही यानी first trimester में आपको उल्टी-मितली या morning sickness नहीं हुई है।

5- आपका दायां स्तन, बाएं स्तन से ज्यादा बड़ा है

6- आप एक minute से ज्यादा खुद को शीशे में देखती हैं और पाती हैं कि आपकी aankho की पुतलियां फैल गई हैं।

7- pregnancy में आपको नमकीन खाने की काफी ज्यादा चाह हो रही है।

गर्भ में बेटा होने के लक्षण

1- normal दिनों की तुलना में आपका mood काफी swings होने लगा है।

2- pregnancy में लहसुन खाने के बावजूद आपके body से गंध नहीं आती है।

3- आपके baal काफी कमजोर हो गए हैं।

4- pregnancy में आपको सिरदर्द की problem नहीं हुई।

5- सोते समय आप right करवट सोती हैं।

pregnancy test boy or girl in hindi

अब आपको बताते हैं girl और boy का प्रेगनेंसी टेस्ट कैसे किया जाता है? Garbh में लड़का है या लड़की इसका पता लगाने के लिए pregnancy test कैसे कर सकते हैं? Garbh में पल रहे बच्चे के लिंग का पता लगाने का pregnancy test कैसे होता है?

Garbh में पल रहा बच्चा लड़का है या लड़की, इसका अनुमान ultrasound के द्वारा लगाया जाता है। परंतु यह भी 100% सही अनुमान नहीं लगाया जा सकता है।

यह है कुछ ऐसे तरीके यानी test जिनके द्वारा कुछ हद तक इस चीज का पता लगाया जा सकता है कि garbh में पल रहा बच्चा ladka है या लड़की यानी boy है या girl.

  1. Pet का आकार – अगर गर्भवती महिला का pet भारी और नीचे की ओर jhuka हुआ है, तो ऐसा माना जाता है कि garbh में पल रहा baccha लड़का है।
  2. Skin में बदलाव – pregnancy के दौरान त्वचा में बदलाव आना एक आम बात है। फिर भी ऐसा माना जाता है कि अगर garbh में लड़का है, तो pregnant महिला के चेहरे पर दाने, मुंहासे और daag ज़्यादा दिखने लगते हैं। इसके अलावा गर्भवती mahila का चेहरा भी मुरझाया हुआ सा दिखने लगता है।

3.breast के आकार में बदलाव – pregnancy के दौरान एक महिला के शरीर में hormone की वजह से बहुत सारे बदलाव होते हैं। इस दौरान औरत के breast का आकार बढ़ता है, जिससे वह breastfeeding के लिए तैयार होती है।

4.ठंडे पैर और rough हाथ – pregnancy के दौरान पैरों का ठंडा रहना और hatho का रूखा रहना garbh में लड़के की मौजूदगी की निशानी माना जाता है।

प्रेगनेंसी में लड़के की हार्ट बीट कितनी होनी चाहिए ?

अब आपको बताते हैं pregnancy में लड़के की heart beat कितनी होनी चाहिए? Pregnancy में अगर गर्भ में पल रहा baccha लड़का है तो उसकी heart beat कितनी होनी चाहिए? प्रेगनेंसी के दौरान baby boy की heart beat कितनी होनी चाहिए? Pregnancy के time पर लड़की की heartbeat कितनी होनी चाहिए?

Research के base पर ऐसा कहा जाता है कि 32 सप्ताह की pregnant महिला के भ्रूण का हार्ट बीट 140 बीपीएम है या उससे अधिक है, तो वह लड़की होगी। वहीं, अगर भ्रूण यानी fetus की हृदय गति 140 बीपीएम से कम है, तो वह ladka हो सकता है। हालांकि, इस पर भी कुछ pakka नहीं कहा जा सकता है।

Pregnancy के दौरान लड़के की heartbeat जो है वह 140 बीपीएम से कम होनी चाहिए। क्योंकि 140 बीपीएम से ज्यादा की heartbeat जो होती है वह ladki की होती है। यह तो हम आपको ऊपर बता ही चुके हैं।

अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट ऑफ़ प्रेगनेंसी जेंडर इन हिंदी

अब आपको बताते हैं ultrasound report of pregnancy gender के बारे में। ultrasound प्रेगनेंसी जेंडर report क्या होती है? अल्ट्रासाऊंड प्रेगनेंसी gender रिपोर्ट में क्या होता है? अल्ट्रासाउंड प्रेगनेंसी जेंडर report होती है वह क्या रिपोर्ट होती है? अल्ट्रासाउंड pregnancy में क्या-क्या होता है?

अल्ट्रासाउंड या sonography में बच्चा लड़का होने का संकेत और ladki होने का संकेत है। नब ling परीक्षण के ज़रिए bacche का लिंग जानने के लिए pregnant महिला के ultrasound scan की ज़रूरत पड़ती है।

अल्ट्रासाउंड pregnancy gender report जो होती है उसमें scan से मिली तस्वीर में bacche का लिंग जानने के लिए उसकी रीढ़ की हड्डी के निचले hisse से नब का कोण मापना चाहिए।

Garbh में ladki होने के कारण भ्रूण हत्या के मामले बढ़ने के कारण ultrasound के द्वारा लिंग परीक्षण करने को यानी कि baby birth से पहले gender बताने को illegal घोषित कर दिया गया है। इसीलिए अगर कोई भी doctor ultrasound के द्वारा लिंग परीक्षण करके बताता है तो उसका licence रद्द किया जा सकता है।

जुड़वा बच्चे लड़का लड़का होने के लक्षण। baby boy symptoms in hindi

अब आपको बताते हैं जुड़वा bacche होने के lakshan क्या-क्या होते हैं? अगर garbh में जुड़वा bacche होते हैं तो उसके क्या-क्या lakshan होते हैं? अगर garbh में जुड़वा बच्चे लड़का ladka होते हैं तो उसके क्या lakshan होते हैं? अगर गर्भ में पल रहे जुड़वा बच्चे दोनो ladke होते हैं तो उसके लक्षण क्या-क्या होते है?

अगर garbh में पल रहे दोनों बच्चे ladke होते हैं तो उसके कुछ best symptoms यानी कि लक्षण है यह-

1.morning sickness – गर्भ में अगर जुड़वा बच्चे हैं तो pregnancy के शुरुआती लक्षणों में ही काफी मात्रा में morning sickness होती है। इसी वजह से ऐसा होता है कि सामान्य pregnant महिलाओं की तुलना में judwa बच्चों वाली महिलाएं ज्यादा morning सिकनेस का अनुभव करती हैं।

2 . Weight ज्यादा होना – जुड़वा बच्चों से गर्भधारण में mahila का वजन normal pregnancy की तुलना में ज्यादा होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि garbh में दो बच्चे, दो placenta और ज्यादा amniotic fluid के साथ होते हैं। सामान्य गर्भधारण में वजन 25 pound जबकि जुड़वा गर्भधारण में weight 30-35 pound के बीच हो सकता है।

3 . दो धड़कनें – बच्चे के जन्म से पहले dopler प्रणाली के तहत उनके दिल की धड़कनों को सुना जा सकता है। pregnancy के 9 हफ्ते से baccho के दिल की धड़कन अलग-अलग सुनी जा सकती है। हालांकि, दोनों के dil की धड़कन को अलग-अलग सुन पाना थोड़ा कठिन होता है।

4 . भूख ज्यादा लगना – जुड़वा pregnancy के दौरान महिला को हमेशा bukh लगी रहती है। सामान्य गर्भधारण से ज्यादा judwa गर्भधारण में mahila को पोषक तत्वों की जरूरत होती है।

5 . निखार बिल्कुल गायब हो जाना- यह तो हमने आपको ऊपर बताया ही है कि अगर garbh में पल रहा बच्चा ladka होता है, तो pregnant महिला का निखार फीका पड़ने लग जाता है।

दूसरी तिमाही में एक लड़का होने के लक्षण

अब आपको बताते हैं दूसरी तिमाही में एक ladka होने के lakshan क्या-क्या होते हैं? दूसरी तिमाही में घर में अगर ladka होता है तो उसके लक्षण क्या-क्या होते हैं? Garbh में पल रहा baccha के ladka होता है तो दूसरी तिमाही में इसके लक्षण क्या-क्या होते हैं?

दूसरी तिमाही में garbh में अगर पल रहा बच्चा ladka होता है तो उसके लक्षण कई सारे होते हैं परंतु उनमें से कुछ best लक्षण यानी कि कुछ सबसे ज्यादा देखे जाने वाले लक्षण यानी symptoms है यह –

पेट का आकार
अगर pregnant स्त्री के pet का निचला हिस्सा फूला हुआ और उभरा हुआ हो तो ये garbh में ladke के होने का संकेत देता है।

पेशाब का रंग
अगर किसी महिला को खूब पानी पीने के बावजूद पीले रंग की urine होती है, तो इसे ladka होने का संकेत माना जाता है।

पेट में दर्द
जिन महिलाओं को pregnancy में पेट के ऊपरी हिस्से में dard होता है, इसे ladki होने का संकेत माना जाता है।

सोने का तरीका
जो महिलाएं pregnancy के दौरान बाईं करवट लेकर सोना पसंद करती हैं, तो समझ जाना चाहिए कि आपकी कोख में लड़का है।

ज्यादा सर दर्द रहना
अगर किसी भी pregnant महिला के garbh में पल रहा बच्चा ladka होता है, तो उसको सर दर्द की परेशानी पूरे pregnancy के time में बहुत ही ज्यादा रहती है।

ladka hone ke lakshan after 4 month

अब आपको बताते हैं 4 महीनों के बाद ladka होने के क्या लक्षण होते हैं? किसी भी महिला के pregnant होने पर 4 महीनों के बाद किन लक्षणों से यह पता लगाया जा सकता है कि garbh में लड़का है? 4 महीनों के बाद ladka होने के लक्षण क्या-क्या होते हैं?

3 महीने खत्म होने के बाद यानी कि 4 महीना शुरू हो ना जिसे दूसरी तिमाही यानी second trimester भी कहा जाता है। उसमें pregnancy की ज्यादातर problems खत्म हो जाती हैं और उसी period के दौरान बच्चा pet में हलचल शुरू कर देता है।

Pregnancy के चौथे महीने तक पहुंचते-पहुंचते शुरुआती दौर में होने वाली problems जैसे कि जी मिचलाना, उल्टी आना आदि कम होने लगती हैं, लेकिन इस दौरान भी आपको अपनी सेहत पर खासतौर पर dhyan रखना होता है।

4 month मे लड़का होने के lakshan होते है यह

1- सीने में जलन (heartburn ) : यह problem गर्भावस्था के 4 महीने में भी देखने को मिल सकती है। ऐसा pregnancy के दौरान निकलने वाले hormone के चलते होता है।

2- भूख बढ़ जाना : इस mahine में भूख ठीक से लगने लगती है। यहां तक कि आपको थोड़ी-थोड़ी देर में ही bukh लगने लगेगी। इस वजह से आपका वजन भी बढ़ सकता है।

3- अपच : अपच की समस्या pregnancy के चौथे महीने में ज्यादा होती है और कभी-कभी delivery तक जारी रह सकती है। ऐसे में pregnant lady को अक्सर कब्ज यानी constipation की परेशानी से दो-चार होना पड़ता है।

4- energy महसूस करना : पहली तिमाही की तरह चक्कर आना, उल्टी और जी मिचलाना की शिकायत नहीं रहती। इस वजह से आप अच्छा महसूस करेंगी और खुद में ज्यादा energy का अहसास होगा।

7 month pregnancy baby boy symptoms in hindi

अब आपको बताते हैं सातवे महीने में यानी 7th month में baby boy के क्या symptoms होते हैं? 7 month की pregnancy में baby boy यानी लड़के के symptoms क्या-क्या होते हैं? सातवें महीने में लड़के के symptoms क्या क्या होते हैं?

Pregnancy का सातवां महीना जो होता है वह third trimester यानी की तीसरी तिमाही की शुरुआत होती है । इस दौरान कई सारे changes यानी बदलाव आते हैं। इस time तक baccha काफी हद तक develop हो जाता है।

गर्भावस्था के 7 month में कुछ नए लक्षण नजर आते हैं। जरूरी नहीं कि सभी लक्षण अच्छा ही महसूस कराएं। कुछ लक्षण problems भी लेकर आते हैं।

Pregnancy के 7 month में baby boy होने पर महसूस होने वाले कुछ अहम लक्षण यानी symptoms है यह –

  1. 7 महीने की pregnancy में वजन काफी बढ़ जाता है, जो pregnancy में normal है। इस समय तक आपका करीब 5 kg वजन बढ़ सकता है। इसके अलावा, गर्भाशय बढ़ने के कारण pet पर खिंचाव के nishan ज्यादा दिखने लगेंगे।
  2. इस दौरान आपका uterus नाभि के ऊपर आ जाएगा और कभी-कभी सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
  3. गर्भाशय ऊपर आने से आपको सोने में भी तकलीफ हो सकती है।
  4. इस समय पर आपका pet लगातार बढ़ता जाता है, जिससे आपको चलने में और झुकने में problem हो सकती है।
  5. शरीर में हो रहे तेज़ blood flow के चलते शरीर में सूजन आना सामान्य है।
  6. Weight बढ़ने के कारण आपको Saans लेने में तकलीफ हो सकती है।

ladka kaise hota hai

अब आपको बताते हैं ladka कैसे होता है? लड़का किस tarah से होता है? किन वजह हो से लड़का होता है? Pregnancy के दौरान किन कारणों से ladka होता है?

Science के according यदि महिला के x chromosomes पुरुष के y chromosomes से मिलने पर लड़का होता है। medical science के अनुसार लड़का और ladki होने में पुरुष के chromosomes ही जिम्मेदार होते हे। क्योंकि महिला में तो सिर्फ xx chromosomes पाए जाते है।

girl ko pregnent karne ka tarika

अब आपको बताते है girl को pregnant करने का tarika क्या होता है? लड़की को pregnant करने का तरीका क्या होता है? Girl किस तरह से pregnant होती है? लड़की को pregnant करने का सही तरीका यानी way क्या होता है?

Ladkiyan जो होती है उनकी pregnancy संभोग क्रिया यानी कि physical relation बनाने पे depend होती है । जब शुक्राणु यानी sperm , महिलाओं के अंडाणु यानी egg से मिलते है तो इसे fertilisation कहते है। fertilisation के बाद जब अंडाणु गर्भाशय में स्थापित हो जाता, तब महिला पूर्ण रूप से गर्भधरणा करती है।

9 month pregnancy baby boy symptoms

अब आपको बताते हैं नाइंथ मंथ प्रेगनेंसी है baby boy के symptoms क्या होते हैं? 9 महीने की pregnancy में लड़के के symptoms क्या-क्या होते हैं? आप 9 महीने की pregnancy में लड़का होने के लक्षण क्या-क्या होते हैं? 9th month प्रेगनेंसी में baby boy के symptoms क्या क्या होते हैं?

Pregnancy मे 9th month मे होने वाले कुछ सबसे ज्यादा देखे जाने वाले symptoms है यह-

  1. Morning sickness भ्रम।
  2. Heart rate भ्रम।
  3. बालों और skin में बदलाव।
  4. Baby bump की पोजीशन।
  5. Mood में बदलाव।

baby girl symptoms in 5th month

अब आपको बताते हैं 5th month में baby girl के symptoms क्या-क्या होते हैं? पांचवे महीने में baby girl के सिम्टम्स कौन-कौन से होते हैं? पांचवे महीने की pregnancy में baby girl के symptoms क्या क्या है? 5 month की प्रेगनेंसी में baby girl के सिम्टम्स किस तरह के होते हैं?

5 month की pregnancy में आसानी से यह पता लगाया जा सकता है कि garbh में पल रहा बच्चा ladka है या लड़की। इसका पता आसानी से हम इन कुछ symptoms से लगा सकते हैं।

5 month की pregnancy में गर्भ में पल रहा बच्चा ladka है इसका पता लगाने के कुछ symptoms है यह है-

  1. अगर pregnancy में morning sickness बहुत ज्‍यादा हो तो ladki पैदा होती है।
  2. ब‍हुत ज्‍यादा mood बदलना।
  3. Pet के आसपास चर्बी बढ़ना।
  4. Meetha खाने का मन करना।
  5. Oily और बेजान बाल।

baby ki movement kab hoti hai

अब आपको बताते हैं pregnancy में baby की movement कब होती है? गर्भावस्था के दौरान बच्चे की movement कब शुरू हो जाती है? बच्चे की मूवमेंट कब होती है? Baby की movement कब होती है? Garbh में बच्चे की movement यानी हलचल कब होती है?

गर्भावस्था के दौरान bacche का हिलना-डुलना, हिचकियां लेना, kick मारना मैं सभी basic movement है जो हर महिला महसूस करती है।

कई बार इस वजह से tez दर्द भी बर्दाश्त करना पड़ जाता है I ज्यादातर महिलाओं को garbh में बच्चे की पहली kick दूसरी तिमाही के 17वें से 22वें week में महसूस होती है I

शुरुआत में हर kick के बीच काफी वक्त का अंतराल होता है, लेकिन जैसे-जैसे week बीतते जाते हैं, उसकी हरकतों का अहसास बढ़ने लगता है I

आमतौर पर pregnancy के 20वें से 30वें सप्‍ताह के बीच बच्‍चे की किक ज्‍यादा tez होती है. इस दौरान शिशु की हड्डियां और जोड़ shape में आना शुरू ही करते हैं I 35वें सप्‍ताह के बाद से kick में कमी आने लगती है I

बच्चे की movement totally इस चीज पर depend करती है कि बच्चा कितना active है। ऐसी मान्यता है कि लड़कों के मुकाबले लड़कियां घर में ज्यादा active होती हैं इसीलिए लड़कियों की हलचल चौथे महीने से शुरू हो जाती है। वहीं लड़कों की हलचल 5 mahine में शुरू होती है। 7 month pregnancy baby boy symptoms in hindi . अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट ऑफ़ प्रेगनेंसी जेंडर इन हिंदी। पहली तिमाही,दूसरी तिमाही में एक लड़का होने के लक्षण। गर्भ में लड़का किस साइड रहता है ? गर्भ में beti होने के लक्षण।

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